नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान
हुँकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा
डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे
ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड
की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुँवर हड़मान करें।
इस मन्त्र को पहली बार जमींन पे बैठके १०८ बार जपे. इससे यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है । सिद्धिकरण स्नान करके सिर्फ एक वस्त्र पहनके करना अवश्यक है. सिद्धिकरण के दरम्यान कोई और शब्द मुह से न निकाले और अपने स्थान से न हिले।
एक बार मन्त्र सिद्ध हो गया तो हर रोज इसका १८ बार परायण करे. सोने से पहले इसका स्मरण करके सो जाईये। इस मन्त्र में धीरज की आवश्यकता है । मन्त्र का फल प्राप्त होने में १ साल तक का समय लग सकता है अउ इस दरम्यान आपके परिश्रम और सच्चाई के वर्तन को देखकर ही हनुमानजी प्रस्सन हो जायेंगे।