लोकमान्य तिलक के नाम से भी मशहूर बाल गंगाधर एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और स्वतंत्रता सेनानी थे |तिलक स्वराज के प्रथम प्रचारक थे |उन्हें लोकमान्य की पदवी लोगों ने प्रदान की थी | लोकमान्य का अर्थ था जनता द्वारा माना गया |उन्हें मराठी में अपने कथन "स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच"(स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और में इसे हासिल करके ही रहूँगा) के लिए जाना जाता है |तिलक ने गाँधी को अपना अहिंसा का सिद्धांत छोड़ स्वराज्य द्वारा आज़ादी हासिल करने की गुज़ारिश की | हांलाकि गाँधी ने अपने विचार नहीं बदली तिलक की ये कोशिश ज़रूर सराहनीय है |