14 वें दलाई लामा को दया के बोद्धिसत्त्व चेंरेज़ीग का तल्पा माना जाता है |दलाई लामा ने ये भी माना की हो सकता है उनके जीते जीते उनका तल्पा किसी रूप में प्रकट हो जाये |किताब मैजिकल उएस ऑफ़ थॉटफॉर्म के मुताबिक एक शिष्य को ये मान लेना चाहिए  की तल्पा सिर्फ एक भ्रम है | जबकि कक्षा में उन्हें उसे असलियत मानने की शिक्षा दी जाती थी |वो शिष्य जो इस बात को कबूल कर लेता था उसे असफल समझ सजा दी जाती थी |


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