पश्चिमी सभ्यता के इतिहासकारों ने सरस्वती के अस्तित्व को पूर्ण रूप से नकार दिया है | लेकिन एक फ्रेंच हिस्टोरियन माइकल डेनीनो ने नदी के लुप्त हो जाने के कारणों की खोज की है |उन्होनें कई सूत्रों से जानकारी हासिल की और नदी के मूल रास्ते की खोज कर डाली |उनके मुताबिक कई भुगौलिक परिवर्तन हुए थे जिन वजह से एक नदी लुप्त हो गयी थी और वह नदी सरस्वती थी |इसके इलाव भारत के कुछ इतिहासकारों ने ये पता किया है की राजस्थान के कुछ क्षेत्र जहाँ ढंग से बारिश नहीं होती है वहां धरती के भीतर जल सोत्र होने के निशान मिले हैं | ऐसा माना जाता है की ये इस लुप्त नदी के छोड़े हुए निशान हैं |