ऋग्वेद भारत की ही नहीं विश्व की भी सबसे प्राचीन पुस्तक है |वेदों की 28000 पंडूलिपियाँ पुणे के भंडारकर ओरिएण्टल रिसर्च इंस्टिट्यूट में रखी गयी हैं |इनमें से ऋग्वेद की 30 पांडुलिपियाँ सबसे महत्वपूर्ण हैं और उन्हें उनेस्को ने भी विरासत सूची में शामिल किया है |ऋग्वेद के बाद यजु उसके बाद साम और अंत में अथर्व वेद लिखा गया है |पुराणों में सबसे पहले ब्रह्म पुराण के लिखे जाने की बात विष्णु पुराण में लिखी गयी है |