इतिहासकार पुरुषोत्तम ओक के मुताबिक ताजमहल दरअसल शाहजहाँ की लूटी हुई दौलत छुपाने का स्थान था |अगर शाहजहाँ ने ये आलिशान भवन बनवाया था तो मुमताज़ के इसमें दफ़न करने का इतिहास में कोई उल्लेख होता |आगरा से 600 किलोमीटर दूर बुरहानपुर में मुमताज़ महल की असली कब्र है और ये मकबरा सिर्फ लूट छुपाने के मकसद से बनाया गया है |मुमताज़ शाहजहाँ की पहली पत्नी नहीं थी और न ही इतिहास में कहीं उनकी प्रेम की चर्चा है |ऐसा माना जाता है की मृत्यु के बाद उसका शव जहाँ दफ़ल था वहां से निकाल कर ताजमहल में स्थापित किया गया था ताकि लोगों को लगे की ये मकबरा है | अन्यथा यहाँ अश्वशाला ,सैनिकों के घर इत्यादि बनवाने की कोई ज़रुरत नहीं थी |