पुरुषोत्तम ओक के मुताबिक ताजमहल के गुम्बद पर जो कलश है वह हिन्दू मंदिर के तरीकों से बना है |कलश पर चन्द्रमा का निशान अर्जित है जो की हिन्दुओं की निशानी है |इसके इलावा इतिहास में लिखा है की ताजमहल का निर्माण 1632 से 1655 तक हुआ | लेकिन 1631 में ही मुमताज़ का निधन हो गया था तो उन्हें यहाँ कैसे दफनाया जा सकता है |1632 में इस मंदिर को इस्लामिक रुख दिया जाने लगा |ताज महल की लकड़ी की जब जांच हुआ तो उसका काल शाहजहाँ के समय से 300 साल पूर्व का बताया जा रहा है | इसके इलावा उसके गुम्बद पर जो कलश है वह त्रिशूल आकार का है और उस पर नारियल की आकृति बनी हुई है |