हमारे मन की दरअसल दो अवस्थाएं होती हैं –चेतन मन और अवचेतन मन|सम्मोहन की प्रक्रिया के दौरान हम अपने अवचेतन मन को जागृत करते हैं | इस स्थिति में हम बहुत शक्ति शाली हो जाते हैं | ये बात अलग है की हमें इस शक्ति का आभास नहीं होता है |चेतन मन वह होता है जो सदेव जागृत रहता है और जिसमें हम खुली आँखों से निर्देश लेकर काम करते हैं |विज्ञानं कहता है की ये हमारे मस्तिष्क का हिस्सा है जिसमें जो भी हरकत होती है वह हमें पता चलती रहती है |लेकिन अवचेतन मन सपने देखता है और ये गहरी नींद की अवस्था में ही पूर्ण रूप से सक्रीय होता है |