आजकल के समय में हम अपनी हर समस्या के लिए ज्योतिष की सहायता लेने पहुँच जाते हैं | और यही नहीं उन टोटकों का पालन करने के लिए हम किसी भी हद तक जानने के लिए तैयार हो जाते हैं |वेदों के 6 अंग हैं और उसमें से छठा है ज्योतिष |महाभारत काल में कोई राशियाँ नहीं होती थीं |ज्योतिष 27 नक्षत्रों पर आधारित था | 12 राशियों का कोई ज़िक्र कहीं नहीं मिलता है |समय बीतने पर विभिन्न सभ्यताओं ने ज्योतिष में प्रयोग कर नयी राशियों को प्रचलित कर डाला और अब वह भारतीय संस्कृति का भी हिस्सा बन गयी |