दंसवे दिन भीष्म के द्वारा बताये गए राज़ का पालन कर पांडव युद्ध में उनके सामने शिखंडी को पेश करते हैं | भीष्म एक नपुंसक पर अस्त्र नहीं उठा सकते थे इसलिए वह अपने शस्त्र त्याग देते हैं | बड़े ही बेमन से अर्जुन उनके पूरे शरीर को बाणों से छेद देते हैं | भीष्म बाणों की शैय्या पर लेट जाते हैं |भीष्म की हालत देख कौरवों के सेना घबरा जाती है | वह सब दौड़ते हुए उनके पास आते हैं | भीष्म उनसे कहते हैं की उन्हें अपने सर के लिए एक तकिया चाहिए | जहाँ अन्य राजा उन्हें मखमली तकिये लेकर आते हैं वहीँ भीष्म उन्हें ठुकरा देते हैं | अंत में वह अर्जुन से एक योद्धा अनुरूप तकिया देने की बात कहते हैं | अर्जुन जल्द ही तीन तीरों से उनके सर को सँभालने के लिए एक सहारा बना देते हैं |