भीष्म के उपचार के लिए शल्य चिकित्सक को बुलाया जाता है पर वह इलाज से इंकार कर देते हैं | पूरा परिवार उन्हें घेर लेता है | ऐसे में वह पानी पीने की इच्छा ज़ाहिर करते हैं | सभी योद्धा उनके लिए पानी लाने में जुट जाते हैं लेकिन वह सिर्फ अर्जुन की तरफ देखते हैं | अर्जुन उनकी भावना समझ पृथ्वी से तीर मार अमृत तुल्य जल निकाल देते हैं |उसे पीने के बाद भीष्म दुर्योधन को युद्ध रोक देने का आग्रह करते हैं |लेकिन वह उनकी बात न मान अगले दिन कर्ण को सेनापति घोषित कर देता है |