भीष्म इस के बाद युधिष्टिर को बुला उन्हें राजधर्म का उपदेश देते हैं | 58 दिन बाद जब सूर्य का उत्तरायण होता है तो भीष्म अपने परिवार को इकठ्ठा कर शरीर त्यागने को तैयार हो गए | रोते हुए उनके परिवार ने उनको विदा किया | उनकी मृत्यु के बाद पांडवों ने उनका पूरे आदर के साथ अंतिम संस्कार कर दिया |