लक्ष्मणा ने नारद से विष्णु अवतार के बहुत किस्से सुने थे | मन ही मन वह कृष्ण से विवाह करने के सपने देखती रहती थी | इसी लिए वह सदेव पूजा और तपस्या में मन लगाये रहती थी | ये बात उसके पिता को भी ज्ञात थी | इसलिए उन्होनें एक स्वयंवर रचा | स्वयंवर में उन्होनें लक्ष ऐसा रखा जो सिर्फ श्री कृष्ण भेद सकते थे | इसके पश्चात कई धुरंधरों ने आकर लक्ष भेदने की कोशिश की लेकिन असफल रहे | ऐसे में जब श्री कृष्ण स्वयंवर के लिए पहुंचे तभी लक्ष भेदा गया और लक्ष्मणा का विवाह कृष्ण से संपन्न हो गया |