भीष्म अपने पिछले जन्म में एक वासु थे | एक दिन वह अपनी पत्नी के साथ ऋषि वशिष्ठ के आश्रम गए | गुरु तो वहां नहीं तह लेकिन वहां मोजूद एक गाय पर उनकी पत्नी का दिल आगया | उन्होनें वासु से उस गाय को उन्हें लाकर देने को कहा | वासु ने उन्हें खूब समझाया लेकिन वह न मानी | हार कर उन्होनें चुपके से वो गाय चुरा कर अपनी पत्नी को दे दी | जब ये बात गुरु वशिष्ठ को मालूम पड़ी तो उन्होनें वासु को श्राप दिया की वह अगले जन्म में इन्सान के रूप में जन्म लेंगे और पृथ्वी पर कई सालों तक जीवित रहेंगे |