कर्ण पिछले जन्म में एक असुर राजा थे जिसका नाम था दम्बोभ्दाबा| उसने सूर्य देव की कठिन तपस्या की और वर में अपने लिए अमर होने का वरदान माँगा | लेकिन सूर्य ने कहा ये मुमकिन नहीं है | ऐसे में उसने सूर्य से 1000 कवच की मांग की |उसने ये भी कहा की इन सभी कवचों के नष्ट होने के बाद ही उसकी मौत मुमकिन हो | और वह भी ऐसे की मारने वाले ने 1000 साल तपस्या की हो | ऐसे में विष्णु भगवान ने नर नारायण नाम से जुड़वाँ भाई के रूप में अवतार लिया | जहाँ एक भिया तपस्या करता था दूसरा कवच को नष्ट करता था | जब 999 कवच नष्ट हो गए तो असुर स्वर्ग में जा कर छुप गया | कर्ण का जन्म उसी कवच के साथ हुआ | क्यूंकि वह सूर्य पुत्र थे इसलिए उनमें ऐसी कई खूबियाँ थी जो उन्हें अन्य लोगों से बहुत शक्तिशाली बनाती थी |