एक दिन रावण महिष्मतीपुरी नाम की नगरी पहुंचा | वहां का वैभव देख एह हैरान हो गया और उसे पाने की लालसा करने लगा | इसलिए उसने उस नगरी के राजा सहस्त्रार्जुन पर आक्रमण कर दिया | सहस्त्रार्जुन ने उसे युद्ध में हरा कर उसे बंदी बना लिया | तब पुल्सत्य ऋषि धरती पर आये ओर उन्होनें रावण को उस कैद से बाहर निकाला | इसके इलावा बाली से भी रावण की शत्रुता थी जिस कारण उन दोनों में युद्ध हुआ | बाली ने रावण को हरा उसे अपनी बांह में दबा लिया | इसके बाद वह सात समुन्दर उसे ऐसी हालत में लेकर घुमे | बचने के लिए रावण ने बड़ी कुटिलता से माफ़ी मांग बाली से दोस्ती कर ली |