हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर के खिलाफ जंग में महाराणा का साथ दिया एक अफगानी मुस्लिम पठान ने |हाकिम खान नाम का ये इन्सान महाराणा की सेना का सेनापति था और मुस्लिम होते हुए भी उसने अकबर के विरुद्ध इस युद्ध में भाग लिया |ऐसा बताया जाता है की युद्ध के दौरान हाकिम खान का सर धड से अलग हो गया था | लेकिन इसके बावजूद भी हाकिम खान युद्ध भूमि में वीरता से लड़ता रहा | हांलाकि इस बात की सत्यता पर अब प्रश्न चिह्न लग गया है |लेकिन राजस्थानी लोकगीत में आजभी उसकी वीरता का ज़िक्र मिलता है | जहाँ उसकी मौत हुई थी वहां उसकी समाधी बनायीं गयी जो आज भी मोजूद है |