ये दोनों ही पक्षी रामायण के ग्रन्थ में देखे गए हैं | पुराणों के मुताबिक उम्र में सम्पाती जटायु से बड़े थे | इन दोनों का वास विन्ध्याचल पर्वत की तलहटी में रहने वाले निशाकर ऋषि के यहाँ होता था |छत्तीसगढ़ में एक स्थान हैं दंडकारण्य | यहाँ पर जटायु का एक मशहूर मंदिर मोजूद है | ऐसा बताया जाता है की दंडकारण्य के आकाश में ही रावण और जटायु का युद्ध हुआ था |