ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक एक बार परशुराम शिवजी से मिलने कैलाश पहुंचे | लेकिन क्यूंकि शिव तपस्या कर रहे थे तो गणेश ने परशुराम को आगे जाने से रोक दिया | परशुराम को गुस्सा आया तो उन्होनें अपने फरसे से गणेश पर वार कर दिया | वह फरसा उन्हें शिवजी ने ही दिया था | इसलिए उसका वार खाली तो नहीं जा सकता था | गणेश ने वह वार अपने दांत पर स्वीकार किया | इस कारण उनका एक दांत टूट गया और उन्हें एकदंत कहा जाने लगा |