मंदिर के दांयी और के दरवाज़े के पास हमेशा एक छड़ी रखी रहती है | ऐसा बताते है की इस छड़ी का इस्तेमाल बालाजी की पिटाई करने के लिए किया जाता है |एक बार ऐसे ही सजा देते समय उनके ठोड़ी में चोट लग गयी | तबसे उस स्थान पर चन्दन लेप लगाने का नियम शुरू कर दिया गया |