दोनों ही ग्रंथों की नायिकाएं यानि सीता और द्रौपदी ने माँ की कोख से जन्म नहीं लिया था | जहाँ द्रौपदी अग्नि से प्रकट हुई थी , सीता पृथ्वी से निकली थी |द्रौपदी के साथ एक पुत्र दृष्टद्युम्न का भी जन्म हुआ था | सीता को अक्सर रावण के पाप कर्मों की सजा की तरह भी देखा जाता है | ऐसी मान्यता है की कई ऋषियों के खून से भरा घड़ा रावण ने पृत्वी में गाड़ दिया था | जब वह घड़ा राजा जनक को मिला है तो वह खून एक बालिका का रूप ले चुका था |