साल 1999 से अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा था और उनका मुखिया था मुल्ला मोहम्मद ओमार | शुरू में ओमार ने कहा की वह इन मूर्तियों को नष्ट नहीं होने देगा क्यूंकि उनसे अफ़ग़ानिस्तान को सैलानियों के रूप में आय प्राप्त होती है | लेकिन उसके बाद मुस्लिम धर्म गुरुओं से उस पर अपना शिकंजा कसना शुरू किया | उन लोगों ने कहा की ये मूर्तियाँ उनके इस्लाम के विरुद्ध हैं | इस पर ओमार ने इन मूर्तियों को नष्ट करवा देने का फैसला किया | ऐसे में भारत सर्कार ने कहा की वह आपने खर्चे पर मूर्तियों को भारत ला आकर उनका ख्याल रख लेगी |पर इस प्रस्ताव को तालिबान ने पूर्ण रूप से ठुकरा दिया |