इंदिरा गाँधी ने इस चिट्ठी का जवाब नहीं दिया | इसके बाद आयकर, भू-सर्वेक्षण विभाग, केन्द्रीय सार्वजनिक निर्माण विभाग और अन्य विभिन्न विभागों को भी जब खोज में सफलता नहीं मिली तो इंदिरा गाँधी ने ये काम सेना को सौंप दिया |लेकिन जब सेना को भी कुछ हासिल नहीं हुआ तो ३१ दिसम्बर १९७६ को इंदिरा ने भुट्टो को लिखा की भारत के विशेषज्ञ पाकिस्तान के दावे की जांच कर रहे हैं |उन्होनें ये भी लिखा की जयगढ़ में असल में खज़ाना है ही नहीं |लेकिन एक अरबी किताब ‘तिलिस्मात-ए-अम्बेरी’ के मुताबिक जयगढ़ में सात टांकों के नीचे खज़ाना गढ़ा हुआ है | क्या इसी किताब में पढ़कर पाकिस्तान ने अपना दावा पेश किया था |