सुदर्शन के मुताबिक जयगढ़ में खोज के दौरान आयकर अधिकारी आयुक्त जे.सी. कालरा बार बार जयसिंह को किले के अन्दर लेकर जाते | इसके बाद दस्तावेज़ और बीजक के हिसाब से खजाने की तलाश शुरू की जाती |किले के अन्दर किसी को भी जाने की इजाज़त नहीं थी | लेकिन कालरा की नवाब साहब की हवेली के मालिक त्रिलोकीदास खण्डेलवाल से दोस्ती थी | इस कारण उन्होनें हवेली में अन्दर जाने के लिए मुश्किल नहीं हुई |