मुनियों के आश्रम के दर्शन करने के बाद राम नदियाँ पार कर नासिक पहुंचे |नासिक के पंचवटी में अगस्त्य मुनि का आश्रम था |शिव का ज्योतिर्लिंग त्र्यम्बकेश्वर यहाँ से करीब ३२ किलोमीटर दूर है |अगस्त्य मुनि ने राम को अग्निशाला में बने कुछ अस्त्र भेंट किये |यहाँ पर पांच पेड़ों की मोजूदगी है जिस कारण इस स्थान का ये नाम पड़ा | कहते हैं की ये पांच पेड़ -पीपल, बरगद, आंवला, बेल तथा अशोक वट राम ,सीता और लक्षमण ने लगाये थे |इसी स्थान पर लक्ष्मण ने सूपर्णखा की नाक काटी थी और राम का खर और दूषण से युद्ध हुआ था | मरीचि के वध स्थान को आज भी स्मारक रूप में देखा जा सकता है |