रावण का एक विशेष सेवक कालनेमि सब तरह की माया से वाकिफ था | जब युद्ध में लक्ष्मण के शक्ति लग गयी थी तो हनुमान को संजीवनी लाने के लिए हिमाचल भेजा गया | ऐसे में रावण ने काल नेमी से हनुमान को रोकने को कहा | कालनेमि बीच रस्ते में साधू का वेश धर एक कुटिया , बगीचा आदि बना कर बैठ गया | हनुमान जब वहां से गुज़रे तो उन्होनें जल पीने का फैसला किया | जैसे ही वह तालाब में उतरे तो एक मगर ने उनका पैर जकड लिया | हनुमान ने मगर की हत्या कर कालनेमि को भी मार डाला | उसके बाद ही वह आगे की यात्रा पर बड़े |