इन्सान के जीवन में पिप्लाद अवतार का बहुत महत्व है | वह दधिची के पुत्र थे | लेकिन दधिची की मौत पिप्लाद के जन्म लेने से पहले हो गयी थी | जब पिप्लाद ने देवताओं से पूछा की किस कारण उनके पिता को ऐसी मौत प्राप्त हुई तो सब ने बताया की शनि की कुदृष्टि के कारण ये तकलीफ सहनी पड़ी | इस बार पिप्लाद ने क्रोध में शनि को नक्षत्र मंडल से गिरने का श्राप दे दिया | सब देवताओं के समझाने पर उन्होनें अपना श्राप तो वापस ले लिए लेकिन इस शर्त पर की १६ साल की उम्र तक शनि किसी को परेशान नहीं करेगा | आज भी शनि से बचने के लिए पिप्लाद का पूजन किया जाता है |