शिव के ये सबसे श्रेष्ठ अवतारों में से एक हैं | जब विष्णु ने मोहिनी रूप लिया था तो शिव उन पर कामासक्त हो गए थे | इससे उनका वीर्यपात हो गया था | बाकि देवताओं ने इस वीर्य को पत्तों पर संभाल के रख दिया | वानर राज केसरी की पत्नी अंजनी के कान के माध्यम से ये वीर्य उनके गर्भ में स्थापित किया गया | इस कारण उनके गर्भ से हनुमान जैसे बलशाली पुत्र ने जन्म लिया |

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