इंद्र का घमंड चूर करने के लिएय शिव ने अवधूत अवतार लिया था | एक दिन बृहस्पति और इंद्र शिव के दर्शन के लिए जा रहे थे | राह में उन्हें एक अजीब पुरुष मिला | इंद्र ने उससे रास्ता छोड़ने की कहा | जब वह मार्ग से नहीं हटा तो इंद्र ने उस पर अपना वज्र उठा लिया | ऐसा करने पर इंद्र का हाथ स्थाम्बित रह गया | बृहस्पति समझ गए ये शिव महिमा है | उन्होनें शिव की आराधना की जिसे बाद शिव ने इंद्र को माफ़ कर दिया |