दुर्योधन को उसकी माँ ने अपने आशीर्वाद से वज्र जैसा शरीर प्रदान कर दिया था | लेकिन जब वह उसे ये आशीर्वाद दे रही थी तो उसने अपने जांघ के हिस्से को पत्तों से ढक लिया था | ऐसे में उसका जांघ का हिस्सा मज़बूत नहीं हो पाया | जब दुर्योधन और भीम के बीच निर्णायक युद्ध शुरू हुआ तो दोनों ही ताकत में बराबरी पर थे | लेकिन फिर कृष्ण ने भीम को दुर्योधन की जांघ पर मारने का इशारा कर दिया | हांलाकि गदा युद्ध में जांघ के नीचे वार करने का नियम नहीं है भीम ने ऐसा ही किया | थोड़े देर में ही दुर्योधन ने जवाब दे दिया और वह अपनी मौत को प्राप्त हुआ |