दूसरी कहानी के मुताबिक अनुसूया के सतीत्व की कहानी सब जगह फ़ैल रहीं थी | ऐसे में तीनों देवियाँ उनसे जलने लगी |उन्होनें अपने पतियों शिव ,विष्णु और ब्रह्मा से कहा की वह सती अनुसूया के सतीत्व की परीक्षा लें | तीनों देवता वहां पहुंचे और देवी अनुसूया उनकी परीक्षा में सफल रहीं | तब तीनों देवता वहां उनके बालक की तरह रहने लगे | देवियों को बहुत पछतावा हुआ और उन्होनें अपने पतियों से वापस आने को कहा |जाते समय त्रिदेव देवी अनुसूया को उनके अंश के पुत्रो की माँ बाने का वरदान देते हैं | जल्द ही अनुसूया को ब्रह्मा से चंद्रमा , विष्णु के दत्तात्रेय और शिव के दुर्वासा अंश पुत्र रूप में प्राप्त होते हैं |