असीरगढ़ से थोड़ी दूरी पर स्थित है गुप्तेश्वर महादेव का मंदिर | ऐसा मानते हैं की यहाँ हर अमावस्या और पूर्णिमा को अश्वत्थामा शिवजी पूजा करने के लिए आते हैं |वैसे तो किसी ने अश्वात्थ्मा को यहाँ आते देखा नहीं है लेकिन अहर सुबह मंदिर में कुमकुम और फूल चड़ा होता है | मंदिर के पुजारियों के मुताबिक अश्वत्थामा सुबह आकर पहले तालाब में स्नान करते हैं और उसके पश्चात पूजा करते हैं |कहते हैं की उन्हें देखने से किसी व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है इसलिए कोई भी इतनी सुबह आकर उन्हें देखने की कोशिश नहीं करता है |
असीरगढ़ के किले के इलावा मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में नर्मदा के तट के आसपास भी अश्वत्थामा को देखे जाने की खबरें आई हैं |स्थानीय लोग बताते हैं की उन्हें कई बार लोगों से अपने घाव के लिए हल्दी और तेल भी मांगते हुए पाया गया है |