ऐसा बताते हैं की ऋषि असित देवी के कुंड में स्नान करना चाहते थे | लेकिन वृद्धावस्था के कारण नहीं जा पा रहे थे | उनकी दुविधा देख कर देवी स्वयं प्रकट हो गयी | इसी स्थान को यमुनोत्री कहा जाता है |एक और कहानी है की सूर्य की अपनी पत्नी छाया से यमुना और यमराज पैदा हुए | यमुना नदी बन धरती पर बहने लगी | ऐसा कहते हैं यहाँ एक बार स्नान करने से यम के प्रकोप से छुटकारा मिलता है |इसके इलावा यमुना ने अपने भाई से भाई दूज पर माँगा था की जा व्यक्ति उस दिन यमुना में स्नान करेगा यमराज उसे कभी परेशान नहीं करेंगे |