रखल दास बनर्जी ऐ एस आई के एक 33 साल के कर्मचारी थे | 1918 में उनके बॉस ने उनसे सिंध में जा कर ग्रीक खम्बा ढूँढने को कहा | उनके बॉस के मुताबिक भारतियों में ऐसी प्रगतिशील ईमारत बनाने की समझ नहीं थी और उन्होनें ज़रूर ये शैली ग्रीक शिल्पकला से चुरायी होगी | अपने को सही साबित करने के लिए उन्होनें रखल को ग्रीक जीत खम्बा ढूँढने के लिए सिंध भेजा |

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