सिंध पहुंचने पर रखल दास को ग्रीक खम्बा तो नहीं मिला | लेकिन खोजने पर उन्हें कुषाण काल का एक बौध स्तूप मिला जो की 2 और 3 इसा पूर्व सदी का निर्माण था | और खोजने पर उसी क्षेत्र में रखल दास को एक 5000 साल पुराने शहर के अवशेष मिले | ये शहर जिसका नाम मोहेंजो दारो था उसने हरप्पा के साथ मिल सिन्धु घाटी की सभ्यता के होने के सबूत दिए |ये सभ्यता पाश्चात्य सभ्यता से ज्यादा प्राचीन और विकसित थी |