हादसे की जानकारी जैसे ही उरुग्वे सरकार को मिली उन्होनें रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिए |लेकिन परेशानी ये थी की जहाज का रंग भी सफ़ेद और बर्फ का भी | ऐसे में बर्फीले पहाड़ों में जहाज को ढून्ढ पाना खतरे से खाली नहीं था |10 दिन तक लगातार ढूँढने के बाद भी जब कोई सफलता हासिल नहीं हुई तो सर्च ऑपरेशन रद्द कर दिया गया |ऐसे में ये मान लिया गया की सारे यात्री मारे गए हैं | वैसे भी इतनी विषम परिस्थितयों में किसी का भी बच पाना नाम्मुम्किन था |