एक झटके में आई इस मौत से सब लोग वैसे ही हैरान हो गए थे |हादसे के 60 दिन बाद सिर्फ 16 लोग ही जिंदा बचे थे |ऐसे में किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था |जब मदद के कोई असार नहीं लगे तो इनमें से दो खिलाडियों नैन्डो पैरेडो (Nando Parrado) और रॉबटरे केनेसा (Robert Canessa) ने सोचा की यहाँ मौत का इंतजार करने से क्यूँ न मदद के लिए खुद ही कुछ कोशिश की जाये |दोनों का हांलाकि शरीर बहुत कमज़ोर हो गया था फिर भी उनमें खिलाडियों का जज्बा था | उन्होंने ये सोच लिया था की इतनी जल्दी मौत के आगे घुटने नहीं टेकेंगे |इसीलिए उन्होनें ट्रैकिंग करना शुरू किया |