उधर नैन्डो पैरेडो जिसने इस हादसे में अपनी माँ और बहन को खो दिया था वह आज उरुग्वे की एक मशहूर टेलीविज़न हस्ती है |परेडो ने इस हादसे के ऊपर एक किताब भी लिखी है | 72 दिनों तक भूखे प्यास ऐसे हालातों में जिंदा बाख पाना किसी चमत्कार से कम नहीं था |
उधर नैन्डो पैरेडो जिसने इस हादसे में अपनी माँ और बहन को खो दिया था वह आज उरुग्वे की एक मशहूर टेलीविज़न हस्ती है |परेडो ने इस हादसे के ऊपर एक किताब भी लिखी है | 72 दिनों तक भूखे प्यास ऐसे हालातों में जिंदा बाख पाना किसी चमत्कार से कम नहीं था |