इस किरदार को सही से समझने के लिए हम चलते हैं 1765-1840 के युग में |18 सदी समाप्त होने वाली थी | मुग़ल साम्राज्य ख़तम हो रहा था और ईस्ट इंडिया कंपनी का रौब बढ़ रहा था | ऐसे में दिल्ली से जबलपुर से जाने वाले रास्तों में स्थित थानों में हर रोज़ किसी न किसी शक्स की गुमशुदगी की खबर आने लगी | अंग्रेज़ अफसर ये समझ नहीं पा रहे थे की इतने सारे लोग आखिर कैसे गायब हो रहे हैं | कराची, लाहौर, मंदसौर, मारवाड़, काठियावाड़, मुर्शिदाबाद के कई व्यापारी अपने पूरे दस्ते के साथ गायब थे |