पृथ्वी पुत्री सीता

सीता जी सीता जी हिन्दू धर्म की देवी है। मान्यता है कि सीता जी साक्षात लक्ष्मी जी का ही अवतार हैं। हिन्दू धर्म की प्रमुख पूजनीय पतिव्रता स्त्रियों में इनका स्थान सर्वोच्च माना गया है। रामायण काल में श्री राम के साथ यह भी वनवास को गई थीं। भगवान राम की पत्नी सीता जी को एक आदर्श माता और पुत्री के रूप में भी देखा जाता है। सीता जी की जन्म कथा रामायण की कथा के अनुसार मिथिला के नरेश राजा जनक का हल खेतों में जोतते समय एक स्थान पर अटक गया। जब राजा ने वहां खुदाई की तो उन्हें एक बक्सा मिला जिसमें एक सुंदर बालिका थी। संस्कृत भाषा में हल को 'सीत' कहा जाता है इसलिए जनक जी ने इनका नाम सीता रख दिया। इसके बाद राजा जनक ने सीता जी का पालन पोषण किया। सीता जी को वैदही भी कहा जाता है। सीता जी का मंत्र सभी दुखों की समाप्ति तथा घर में सुख शांति लाने के लिए सीता जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। जय श्री सीता राम श्री सीताय नमः ऊँ जानकी रामाभ्यां नमः सीता जी का स्वरूप सीता जी को रामचरितमानस में भक्ति स्वरूपा कहा गया है। इनके मुख पर हमेशा अद्भुत तेज, शांति और करुणा का भाव रहता है। प्रतिमा में यह राम जी के एक तरफ खड़ी दिखाई देती हैं। ममता की मूर्त माने जाने वाली सीता जी को सुहागिन स्त्रियों का सर्वोच्च आदर्श माना जाता है। सीता जी का परिवार सीता जी के पिता का नाम जनक था। सीता जी, विष्णु अवतार श्री राम की अर्धांगिनी हैं। इनके दो पुत्र हैं लव और कुश। इनकी बहन का नाम उर्मिला था। सीता जी -श्रीराम विवाह रामयाण की कथा के अनुसार सीता जी के वयस्क होने पर राजा जनक जी ने उनके विवाह के लिए एक बड़े स्वयंवर का आयोजन किया। इसमें उन्होंने दूर-दूर के राजा, महारथियों को स्वयंवर में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इसमें श्रीराम और लक्ष्मण जी भी शामिल हुए थे। सीता से विवाह के लिए स्वयंवर में शिव धनुष तोड़ने की शर्त रखी गई थी। इस धनुष को श्री राम ने तोड़ा और सीता जी से विवाह किया। राम और सीता जी के विवाह का प्रसंग रामायण के कुछ प्रसिद्ध प्रंसंगों में से एक है। इस प्रसंग में मर्यादित प्रेम की व्याख्या की गई है। सीता जी से जुड़ी विशेष बातें रावण ने धोखे से सीता जी का हरण किया था। अपनी पवित्रता को साबित करने के लिए सीता जी ने श्रीराम को अग्नि परीक्षा दी थी। यह धरती से ही उत्पन्न हुई थी तथा अंत में धरती में ही समा गई। सीता जी पूर्णतः पतिव्रता स्त्री थी। सीता जी के अन्य नाम वैदेही जानकी मैथलैयी भगवती पृथ्वी पुत्री सिया सीता जी के प्रसिद्ध मंदिर सीता मंदिर, केरल सीता मैय्या मंदिर, हरियाणा मैथलैयी मंदिर, जनकपुर जानकी मंदिर, पटना सीता कुंड, बिहार

Bijay Mehta Hitlar Anurag
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