1725 में विर्ज्बुर्ग विश्वविद्यालय के डीन डॉ बेरिन्गेर के हाथ अलग अलग आकार के कुछ पत्थर आये | बेरिन्गेर को लगा ये फॉसिल हैं और क्यूंकि कुछ के ऊपर भगवान का नाम लिखा था शायद ये उनसे भी सम्बंधित हैं |बाद में पता चला की उनके साथ के दोस्तों ने उन्हें धोखा दिया था | बेरिन्गेर इस बात के लिए अपने दो साथियों को कोर्ट तक लेकर गए और सभी को बहुत शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा |