छठी शताब्दी में ओरान इओना के द्वीप का एक भिक्षु था |जिस दिन उसे दफनाया गया उसके अगले दिन निकलने पर उसे जिंदा पाया गया |जब वह स्वर्ग और नरक दोनों देखने की बात करने लगा तो उसे विद्रोही करार करते हुए दोबारा से कब्र में दफना दिया गया |
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