1881 में जब सरह के पति की मौत हुई तो वह अकेले उनके 8 कमरे के घर में रहने लगी | लेकिन जल्द ही उसने मकान में काम करवाना शुरू कर दिया और उसे 8 कमरों से 160 कमरों का घर बनवा दिया | यही नहीं कई सीड़ियाँ तो दीवारों में जा कर समाप्त होती हैं | ऐसे करने के पीछे कुछ लोगों ने बताया की वह अपने पति के साथ बिताये वक़्त को याद करना चाहती थी | कुछ लोगों के मुताबिक वह उन कारीगरों को जाने नहीं देना चाहती थी इसलिए वह काम करवाती रही | लेकिन असल में उसने अपने पति से बात करने के लिए एक मध्यम से संपर्क किया था | उसने कहा की तुम्हारे पति की कंपनी द्वारा बनायीं गयी बंदूकों से कई लोगों की जान गयी हैं | उसे चैन तब मिलेगा जब उन सब आत्माओं के रहने का इंतजाम तुम कर दोगी|