नाबेतरी 22 साल का था जब वह ओशीयन आइलैंड पर काम करने के लिए पहुंचा | बदकिस्मती से जापान की सेना वहां आ गयी और उसने सब लोगों को पकड़ लिया | उनमें से सिर्फ कुछ को द्वीप पर रखा गया और वो भी इसलिए क्यूंकि वह किसी कला में निपुण थे | नाबेतरी एक मछुआरा था इसलिए उसे रोक लिया गया |जब जापान वालों का काम हो गया तो उन्होनें इन सब लोगों से अपनी कब्र खुद खोदने का आदेश दिया | रात के अँधेरे में कई सारे लोग नाव में बैठ भागने को तैयार हुए |पहली नाव थोड़ी देर में ही डूब गयी | नाबेतरी की नाव भी पलट गयी और उसका साथी डूब गया | लेकिन नाबेतरी किसी तरह से नाव पर बैठा रहा | 7 महीने तक वह ऐसे ही समुद्र में तैरता रहा और आखिर वहां से 2400 किलोमीटर दूर एक द्वीप पर पहुंचा |वहां के लोगों की मदद से वह जल्दी ही बेहतर महसूस करने लगा |