बदला

चाहे आप कितना भी बचने की कोशिश करें लेकिन अगर मन में किसी के प्रति बदले की भावना जाग गयी तो फिर उसको रोक पाना बहुत कठिन होता है |कई बार तो हमारा दिमाग सही फैसला लेने में हमारी मदद करता है | लेकिन कई बार ऐसा भी होता है की बदले की भावना दिमाग के सोचने और समझने की ताक़त को ख़तम कर देती है |ऐसी ही कुछ उदाहरणों के बारे में पढ़ें आगे |

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel