नागरिक संहिता का आधार सामाजिक समता भी है। विशेषाधिकार और सामंती नियम का संहिता में कोई स्थान नहीं था। बड़े पुत्र को संपत्ति का उत्तराधिकारी मानने का कानून भी नहीं था संपत्ति पर सभी पुत्रों को बराबरी का अधिकार दिया गया। नेपोलियन ने समाज में एक नवीन कुलीन वर्ग की स्थापना की। उसने आय के हिसाब से उपाधियों का क्रम निर्धारित किया। नेपोलियन का यह कार्य क्रांति के आदर्शों के विपरीत था।