सवाईमाधवरावसवाई सवाई डंका बजाया । फडणीस नानाकी तारीफ अक्कलने तो गजब किया ॥धृ०॥
बिनधारसें राज्य चलाया नाकिसे चक्मक् झडी । कैक मुत्सद्दी चपगये बस भये नानाकी तो अक्कल बडी ।
दिल्ली अटक लाहोर भाहोर कर्नाटक बीज पुकार पडी । चारो तरफ तजेला निकला चंदाऐसी किरत बडी ।
जिने बैठे राज कमाया दिलके तै खूप दिल दिलासा दिया । साहेब बंदगी करना पुना छांड कहूं अया न गया ।
अजि बडी अकल । सवायी माधवराव सवायी सवायी डंका बजाया । फडणीस नानाकी तारिफ अक्कलने तो गजब किया ॥१॥
कैक मुत्सदी होगये अक्कल नानाकी नयी पायी किसे । निजामअल्ली भगादिया साहेब जसदे हराउसे ।
टिपूसरीखे लाये बगलमे ज्या पहुंचे दरवाजेसे । पेशवोका निमक जहालम् मनीं कियावो गाजीमे ।
क्या नबाबका हुवा खराबा तोबा सबही डुबा दिया । तुम हमबी कानोसे सुंनते याजस लेकर कोन गया ।
कुचबी नही । सवायी माधवराव सवायी०॥२॥
किया मोंगलपर हल्ला उसदिन कई उमराव संगा चले । शिंदे होळकर और नागपुरवाले भोसले आन मिले ।
दाभाडे पाटणकर निंबालकर कट्टे लढनेवाले । पवार जाधव माधवरावके संगत नानाबी निकले ।
फडके आपाबळवंत रास्ते अभये इसमे कोण रह्या । चुका भुला हुवा देखने कहा अपना अखर गया ।
अजि किसे खबर । सवायी माधवराव सवायी० ॥३॥
सब् मिल हल्ला किया उडादिया नबाबके धुडके धुडके । मशरमुलुक् पकड कैदमे डाल दिया बैठो चुपके ।
पानी बिगर घोडे उट हत्ती तमाम मरगये नबाबके । रुपयेका जल एक कटोरा पानी ऐसी जगा रखे ।
किसे खबर भइ मेहेल मुलुख नबाबने क्या दिया लिया । फंदी अनंत कुतै क्या मामलु सुनते है कुच कबूल किया ।
सचहोगया । सवायी माधवराव सवायी०॥४॥