रिचर्ड रोथवेल द्वारा मेरी शेली (1840-41)

31 अक्तुबर 1831 को हेनरी कॉलबम और रिचर्ड बेन्टले ने इस उपन्यास का पहला भाग का "लोकप्रिय" संस्करण प्रकाशित किया। इस संस्करण में मेरी ने कई संशोधन किए थे और इसमें उन्होंने एक नई प्रस्तावना लिखी थी जिसमें इस उपन्यास की उत्पत्ति की कहानी को संवारकर पेश करने की कोशिश की गई थी। ये संस्करण अब तक छपे उपन्यास के दूसरे संस्करणों से ज्यादा पढ़ा गया संस्करण माना जाता है, हालांकि 1818 के ही मूल विषय वाले संस्करण अब भी छापे जाते हैं। वास्तव में विद्वान 1818 के संस्करण को ही वरीयता देते हैं उनका तर्क है कि ये शेली के मूल प्रकाशन की आत्मा/भावना को जीवित रखता है, (देखिए: W.W. नॉर्टन के आलोचनातम संस्करण में एन K. मेलर द्वारा "चूजिमग अ टेक्स्ट ऑफ फ्रैंकनस्टाइन टू टीच")|
फ्रैंकनस्टाइन का दूसरा संस्करण 11 अगस्त 1823 में दो भागों में प्रकाशित हुआ (G. और W. B. विटेकर द्वारा) और इस बार लेखक के तौर पर मेरी शेली का नाम छापा गया।

मेरी शेली ने मई 1817 में ये उपन्यास को खत्म किया और फ्रैंकनस्टाइन; या द मॉर्डन प्रोमिथियस का पहला प्रकाशन लंदन में हार्डिंग के एक छोटे से प्रकाशन घर, मेयर एंड जोन्स, द्वारा 1 जनवरी 1818 को प्रकाशित किया गया। इसे बिना किसी लेखक के नाम से प्रकाशित किया गया था, हालांकि इसमें पर्सी बायशी शेली ने मेरी के लिए प्रस्तावना लिखी थी और इसे मेरी कि पिता विलियम गॉडविन को समर्पित किया गया था। इस संस्करण की सिर्फ पांच सौ प्रतियां तीन-भागों में प्रकाशित की गईं, 19वीं सदी में पहले संस्करण को तीन-भागों (ट्रिपल-डेकर) में प्रकाशित करने का रिवाज़ था। पर्सी बायशी शेली के प्रकाशक, चार्लय ओलियर और बायरन के प्रकाशक, जॉन मरे ने पहले इस उपन्यास को छापने से मना कर दिया था।


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