इन्दिरा ने फिरोज़ गाँधी से विवाह किया। शुरू में संजय उनका वारिस चुना गया था, लेकिन एक उड़ान दुर्घटना में उनकी मृत्यु के बाद, उनकी माँ ने अनिच्छुक राजीव गांधी को पायलट की नौकरी परित्याग कर फरवरी 1981 में राजनीति में प्रवेश के लिए प्रेरित किया।

इन्दिरा मृत्यु के बाद राजिव गांधी प्रधानमंत्री बनें। मई 1991 में उनकी भी राजनैतिक हत्या, इसबार लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम के आतंकवादियों के हाथों हुई। राजीव की विधवा, सोनिया गांधी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को 2004 के लोक सभा निर्वाचन में एक आश्चर्य चुनावी जीत का नेतृत्व दिया।

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री कार्यालय अवसर को अस्वीकार कर दिया लेकिन कांग्रेस की राजनैतिक उपकरणों पर उनका लगाम है; प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह, जो पूर्व में वित्त मंत्री रहे, अब राष्ट्र के नेतृत्व में हैं। राजीव के संतान, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं। संजय गांधी की विधवा, मेनका गांधी - जिनका संजय की मौत के बाद प्रधानमंत्री के घर से बाहर निकाला जाना सर्वज्ञात है - और साथ ही संजय के पुत्र,वरुण गांधी भी, राजनीति में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी दल में सदस्य के रूप में सक्रिय हैं।

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