साई की नगरिया जाना है रे बंदे
जाना है रे बंदे
जग नाही अपना, जग नाही अपना,
बेगाना है रे बंदे
जाना है रे बंदे, जाना है रे बंदे
साई की नगरिया, जाना है रे बंदे,
जाना है रे बंदे
पत्ता टूटा डारि से,
ले गयी पवन उड़ाय।
अब के बिछुड़े ना मिलें,
दूर पड़ेंगे जाए॥
माली आवत देखि के
कलियन करी पुकार।
फूले फूले चुन लिए,
काल हमारी बार॥
साई की नगरिया, जाना है रे बंदे,
जाना है रे बंदे
चलती चाकी देखि कै,
दिया कबीरा रोय।
दुइ पाटन के बीच में,
साबुत बचा ना कोय॥
लूट सके तो लूट ले,
सत नाम की लूट।
पाछे फिर पछताओगे,
प्राण जाहिं जब छूट॥
साई की नगरिया, जाना है रे बंदे,
जाना है रे बंदे
माटी कहे कुम्हार से,
तू क्या रौंदे मोय।
एक दिन ऐसा आयेगा,
मैं रौन्धुगी तोय॥
लकड़ी कहे लुहार से,
तू मत जारै मोहि।
एक दिन ऐसा होयगा,
मैं जारुंगी तोहि॥
साई की नगरिया, जाना है रे बंदे,
जाना है रे बंदे
बंदे तू कर बंदगी,
तो पावै दीदार।
अवसर मानुस जन्म का,
बहुरि ना बारंबार॥
कबीरा सोया क्या करै,
जाग ना जपै मुरारि।
एक दिना है सोवना,
लंबे पाँव पसारि॥
साई की नगरिया, जाना है रे बंदे,
जाना है रे बंदे
साई की नगरिया, जाना है रे बंदे,
जाना है रे बंदे